ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शपथ ग्रहण के 6 हफ्ते के अंदर ही अपना इस्तीफा दे दिया है। ट्रस ब्रिटिश इतिहास में सबसे कम समय तक पद पर रहने वाली प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1827 में जॉर्ज कैनिंग 119 दिनों तक प्रधानमंत्री थे। कार्यकाल के बीच में ही उनका निधन हो गया था। डाउनिंग स्ट्रीट में अपना बयान जारी कर ट्रस ने इस्तीफे की घोषणा कर दी। वह भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराकर प्रधानमंत्री बनी थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले सप्ताह तक नए प्रधानमंत्री का चुनाव हो सकता है। तब तक ट्रस ही पद पर बनी रहेंगी। लिट ट्रस का उनकी पार्टी के अंदर ही विरोध होने लगा था। एक दिन पहले ही इंटीरियर मिनिस्टर सुएला ब्रेवरमेन ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। ट्रस ने भी कहा कि वह अपने वादे पूरी नहीं कर पाईं और उन्होंने पार्टी का विश्वास खो दिया है। कंजरवेटिव पार्टी में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है। ब्रिटिश सांसदों का आरोप है कि ट्रस के समर्थक संसद में गैस ड्रिलिंग के खिलाफ मतदान करने के लिए साजिश रची थी। कंजर्वेटिव सांसदों में ट्रस के खिलाफ गुस्सा था। ऐसे में सिर्फ सांसदों की वोटिंग करके ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद सौंपा जा सकता है। आर्थिक योजना पेश करने के बाद ही उथल पुथल शुरू हो गई थी और राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। इसके बाद लिज ट्रस ने वित्त मंत्री बदला और फिर अपनी ही कई नीतियों को पलट दिया। लिज ट्रस ने वादा किया था कि वह अर्थव्यवस्ता को पटरी पर लाएंगी और महंगाई पर काबू करेंगी। हालांकि जब ट्रस ने नया वित्त मंत्री बनाया तो उन्होंने पुराने वित्त मंत्री के सारे फैसले ही पलट दिए। इसके बाद पार्टी में ही विद्रोह शुरू हो गया। पार्टी के सांसद इस नेतृत्व से नाराज हो गए। वित्त मंत्री ने जो फैसले लिए थे उनका बाजार पर गलत असर पड़ रहा था। लगातार अस्थिरता बढ़ रही थी। पाउंड कमजोर होने लगा था। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की आलोचना देश से बाहर भी शुरू हो गई थी। हालांकि टैक्स कटौती के मुद्दे पर ट्रस ने विश्वास हासिल किया था और प्रधानमंत्री बनी थीं। लेकिन पीएम बनने के बाद यही उनपर भारी पड़ गया। चुनाव में शुरुआती चरणों में भारतीय मूल के ऋषि सुनक ही आगे थे। हालांकि बाद में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब संभावना है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाएं। बहुत सारे टोरी सदस्य सुनक का समर्थन करने को तैयार हैं। एक सर्वे के मुताबिक 32 फीसदी टोरी सदस्य बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। वहीं 23 फीसदी ऋषि सुनका का समर्थन करते हैं। टोरी सदस्यों को ट्रस को पीएम चुनने के फैसले पर पछतावा हो रहा था। ऐसे में उनके पास ऋषि सुनक के रूप में विकल्प है। सुनक ने टैक्स कटौती को लेकर भी ट्रस को पहले ही आगाह किया था।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने शपथ ग्रहण के 6 हफ्ते के अंदर ही अपना इस्तीफा दे दिया है। ट्रस ब्रिटिश इतिहास में सबसे कम समय तक पद पर रहने वाली प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1827 में जॉर्ज कैनिंग 119 दिनों तक प्रधानमंत्री थे। कार्यकाल के बीच में ही उनका निधन हो गया था। डाउनिंग स्ट्रीट में अपना बयान जारी कर ट्रस ने इस्तीफे की घोषणा कर दी। वह भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हराकर प्रधानमंत्री बनी थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगले सप्ताह तक नए प्रधानमंत्री का चुनाव हो सकता है। तब तक ट्रस ही पद पर बनी रहेंगी। लिट ट्रस का उनकी पार्टी के अंदर ही विरोध होने लगा था। एक दिन पहले ही इंटीरियर मिनिस्टर सुएला ब्रेवरमेन ने कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। ट्रस ने भी कहा कि वह अपने वादे पूरी नहीं कर पाईं और उन्होंने पार्टी का विश्वास खो दिया है। कंजरवेटिव पार्टी में ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाने की मांग उठने लगी है। ब्रिटिश सांसदों का आरोप है कि ट्रस के समर्थक संसद में गैस ड्रिलिंग के खिलाफ मतदान करने के लिए साजिश रची थी। कंजर्वेटिव सांसदों में ट्रस के खिलाफ गुस्सा था। ऐसे में सिर्फ सांसदों की वोटिंग करके ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री पद सौंपा जा सकता है। आर्थिक योजना पेश करने के बाद ही उथल पुथल शुरू हो गई थी और राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। इसके बाद लिज ट्रस ने वित्त मंत्री बदला और फिर अपनी ही कई नीतियों को पलट दिया। लिज ट्रस ने वादा किया था कि वह अर्थव्यवस्ता को पटरी पर लाएंगी और महंगाई पर काबू करेंगी। हालांकि जब ट्रस ने नया वित्त मंत्री बनाया तो उन्होंने पुराने वित्त मंत्री के सारे फैसले ही पलट दिए। इसके बाद पार्टी में ही विद्रोह शुरू हो गया। पार्टी के सांसद इस नेतृत्व से नाराज हो गए। वित्त मंत्री ने जो फैसले लिए थे उनका बाजार पर गलत असर पड़ रहा था। लगातार अस्थिरता बढ़ रही थी। पाउंड कमजोर होने लगा था। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था की आलोचना देश से बाहर भी शुरू हो गई थी। हालांकि टैक्स कटौती के मुद्दे पर ट्रस ने विश्वास हासिल किया था और प्रधानमंत्री बनी थीं। लेकिन पीएम बनने के बाद यही उनपर भारी पड़ गया। चुनाव में शुरुआती चरणों में भारतीय मूल के ऋषि सुनक ही आगे थे। हालांकि बाद में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब संभावना है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन जाएं। बहुत सारे टोरी सदस्य सुनक का समर्थन करने को तैयार हैं। एक सर्वे के मुताबिक 32 फीसदी टोरी सदस्य बोरिस जॉनसन को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। वहीं 23 फीसदी ऋषि सुनका का समर्थन करते हैं। टोरी सदस्यों को ट्रस को पीएम चुनने के फैसले पर पछतावा हो रहा था। ऐसे में उनके पास ऋषि सुनक के रूप में विकल्प है। सुनक ने टैक्स कटौती को लेकर भी ट्रस को पहले ही आगाह किया था।
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