मोदी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति को एनएफ रेलवे के अधिकारी दिखा रहे हैं ठेंगा, मनमर्जी से टेंडर के नाम पर वसूल रहे करोड़ों रुपए I

 



गुवाहाटी ,16दिसम्बर

कोविड महामारी के चलते एक ओर सारी दुनिया में आर्थिक संकट छाया हुआ है, क्या आम क्या खास सभी परेशान हैं, ऐसे वक्त में भी एनएफ रेलवे के लामडिंग और तिनसुकिया डिवीजन के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं. इन दोनों पर विभागीय नियमों की अनदेखी कर तानाशाही चलाने और आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त होने के गंभीर आरोप हैं. रेलवे के एक सूत्र  ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह दोनों अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग कर टेंडरों की आवंटन में बड़े पैमाने पर घपले बाजी कर रहे हैं। सूत्र  ने बताया कि 40 से 50 करोड़ की बड़ी राशि तक के टेंडर ऐसे लोगों को आवंटित किए जा रहे हैं, जो योग्यता और पात्रता दोनों दृष्टि से अयोग्य हैं। लामडिंग के डीआरएम पर तो योग्य स्थानीय लोगों की अनदेखी कर तथा नियमों को ताक पर रखकर बड़े प्लेयर्स को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप भी है। मालूम हो कि तिनसुकिया के DRM विजय  कुमार मिश्रा और लामडिंग के DRM जे एस लखरा को एनएफ रेलवे के जनरल मैनेजर अंशुल गुप्ता को सीधे रिपोर्ट करना पड़ता है। इसके बावजूद यह दोनों किस तरह और किसकी शह पर अपने भ्रष्टाचार तंत्र को जीवित रखे हुए हैं  यह है सोचने और तहकीकात करने का विषय है।

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