बरपेटा रोड के समाजिक कार्यकर्ता स्वः सत्यभगवान अग्रवाल की 25वीं पुण्‍य तिथी मनायी गई।


 बरपेटा रोड 6 दिसम्बरः

बरपेटा रोड के विशिष्‍ठ व्‍यवसाई तथा समाजिक कार्यकर्ता स्वः सत्यभगवान अग्रवाल की रविवार को 25 वी पुण्य तीथि उनके द्वारा स्थापित प्रतिष्ठान    "अग्रवाल एण्ड कम्पनी" मे मनायी गइ । उन्‍हे स्‍मरण करने व श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये उनके परिवार के तरफ से बरपेटा रोड मे एक स्‍मरणोत्सव अनुष्ठान का आयोजन किया गया ।जिसमें द्वीप प्रज्वलित सेवानिवृत अध्यापक राम अवतार माहेश्‍वरी ने किया और श्रद्धांजलि अनुष्ठान का शुभारंभ बरपेटा रोड प्रेस क्लब के अध्यक्ष रुपांजित दास ने किया। जंयत कुमार दास के संचालन में स्वः अग्रवाल की स्मृति मे एक धार्मिक पूस्तिका "आरती संग्रह" का उन्मोचन बरपेटा रोड शाखा सत्र के अध्यक्ष धनेश्‍वर नाथ ने किया। अनुष्ठान मे इन सब विशिष्‍ठ अतिथियों के अलावा बरपेटा रोड रास मंदिर के अध्यक्ष मंटु ओझा समाजिक कार्यकरता गौरीशंकर खेमका, शिव रतन महेश्वरी और परिवार के तरफ से पुत्र सुभाष अग्रवाल ने स्वः सत्‍य भगवान अग्रवाल को श्रंद्धाजलि अर्पित की ।अनुष्‍ठान में बृहत्तर बरपेटा रोड व्यवशायी संस्था एवं मारवाड़ी समाज के बहुत से बिशिष्ठ व्यक्तियों ने भी उपस्थित होकर श्रद्धान्जलि अर्पित की।


मालुम हो की सत्यभगवानजी अग्रवाल का जन्म 19 जून 1940 को पश्चिम बंगाल के रायगंज में महादेव लालजी चाचाण के घर हुआ था। 10 वर्ष की अल्पायु में ही उनके पिताजी का स्वर्गवास हो गया था। उन्होंने मैट्रीक तक पढ़ाई की थी। 18 वर्ष की आयु में वे अपने परिवार के साथ रायगंज से बरपेटा रोड आ गए।

उन्होंने 1961 में अपने बड़े भाई स्व० जगदीश प्रसादजी अग्रवाल के साथ अग्रवाल एण्ड कं० नामक प्रतिष्ठान की स्थापना की थी।

 

स्वः सत्यभगवान अग्रवाल ने अपने जीवनकाल में बरपेटा रोड चेम्बर ऑफ कामर्स के सचिव, बरपेटा रोड व्यवसायी संस्था के अध्यक्ष, बरपेटा

रोड मारवाड़ी सम्मेलन के सचिव, श्री हिन्दी हाई स्कुल की वित्तिय समिति के अध्यक्ष, जी. एल.सी. कॉलेज, श्री राधाकृष्ण ठाकुरबाड़ी तथा मारवाड़ी विवाह भवन की प्रबन्ध समिति के सदस्य इत्यादि पदों पर रहते हुए अनेक सराहनीय कार्य किया था।

वे लायन्स क्लब ऑफ बरपेटा रोड के संस्थापक प्रथम उपाध्यक्ष थे तथा अगले साल 1993 में वे क्लब के अध्यक्ष चुने गए। अपने अध्यक्ष काल में उन्होंने लायन्स होमियो क्लीनीक तथा डायबिटिज नियन्त्रण केन्द्र की स्थापना की थी, जहाँ आज भी लाखों लोग निःशुल्क चिकित्सा प्राप्त कर लाभान्वित हो रहे हैं। वे अन्तराष्ट्रिय लायन्स क्लब 322D के केबिनेट सदस्य भी थे। उन्होंने अपने नेतृत्व में कई नि:शुल्क नेत्र चिकित्सा

शिविर का सफलता पूर्वक आयोजन किया  था। इसके अलावा बाढ़ पिड़ितों, दंगा पिड़ितों, रेल व सड़क दुर्घटना पिड़ितों इत्यादि की सहायता कार्य में हमेशा अग्रणी रहे। वे समाज के प्रति समर्पित व्यक्ति थे, इसी वजह से वे काफी जनप्रिय थे एवं सभी

समुदायों में उनकी साख थी। ऐसे निस्वार्थ समाजसेवक का आतंकवादियों ने क्रुरता का परिचय देते हुए 05 दिसम्बर 1996 को 56 बर्ष की अल्‍पायु में गोलियों का निशाना बनाकर असमय ही

मौत की नींद सुला दिया था। इससे पहले 26 जनवरी 1991 मे भी आतंकवादियों ने इनके ऊपर हैन्ड ग्रेनेड से हमला किया था।

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