राज्य में विधानसभा की 5 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी और उसकी सहयोगी यूपीपीएल ने जीत का परचम लहराया है. चुनाव परिणामों की दिलचस्प बात यह रही कि सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और यूपीपीएल के उम्मीदवारों ने एकतरफा जीत हासिल की है. मजे की बात यह है कि इस साल अप्रैल में हुए चुनाव में इन 5 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और एक पर एआईयूडीएफ ने कब्जा किया था.
मिली जानकारी के अनुसार भवानीपुर सीट पर भारतीय जनता पार्टी के फणीधर तालुकदार 25013 वोटों के अंतर से विजय हासिल की हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इसी सीट से तालुकदार ने एआईयूडीएफ की टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. चुनाव के बाद में उन्होंने एआईयूडीएफ से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया था. विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में पार्टी ने एक बार फिर उन्हें चुनाव मैदान में उतारा. पर इस बार वे ताला – चाबी की जगह कमल के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे थे. चुनाव के पहले राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान था कि भवानीपुर में कांटे की टक्कर होगी. यहां अच्छी खासी तादाद में मुस्लिम वोटरों की संख्या है. पर इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण कुछ इस प्रकार हुआ कि तालुकदार 25 हजार से अधिक मतों से जीतने में कामयाब हुए.
दूसरी ओर मरियानी से रूप ज्योति कुर्मी ने 40134 मतों के बड़े अंतर से जीत हासिल की. उल्लेखनीय है कि कुर्मी ने पिछला चुनाव इसी सीट से कांग्रेस की टिकट पर लड़ा था और जीत हासिल की थी. बाद में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली. इस बार उन्होंने भगवा दल के टिकट पर चुनाव लड़ा और बड़े अंतर से जीत हासिल की. इसी प्रकार
थावरा विधानसभा से सुशांत बोरगोहांई ने 30561 मतों के अंतर से विजई हुए. उन्होंने भी पिछला चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जीता था. बाद में वे पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए.
दूसरी ओर इन चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी यूपीपीएल ने भी अपना जलवा कायम रखते हुए गोसाईगांव और तामुलपुर सीटों पर आराम से कब्जा जमाया. गोसाईगांव में पार्टी के उम्मीदवार जीरोन बसुमतारी ने 28336 मतों के विशाल अंतर से जीत हासिल की. दूसरी तरफ तामुलपुर से जोलेन दैमारी ने 50,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल कर विपक्ष को पूरी तरह से हाशिए पर धकेल दिया.
Post a Comment